यही मेरे जीवन का विराम नहीं, सारी कल्पनाये अभी साकार नहीं.जीना चाहता हूँ उस "आकाश"...की तरहा.जो आँखों में तो है.... पर कोई आकार नहीं..... है यदि जीवन एक युद्ध भूमि ... तो एक युद्ध और सही . ..the game starts now
Sunday, December 5, 2010
babari ko giraya nahi tha ram mandir ko nikala tha .... bns chief somnath munde
...................................................................... band karo ye ladhaee zagada..........
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