Thursday, August 26, 2010

bhasha

साँचा:Main article भारत में बोली जाने वाली भाषाओँ की बड़ी संख्या ने यहाँ की संस्कृति और पारंपरिक विविधता को बढ़ाया है. १००० (यदि आप प्रादेशिक बोलियों और प्रादेशिक शब्दों को गिनें तो, जबकि यदि आप उन्हें नहीं गिनते हैं तो ये संख्या घट कर २१६ रह जाती है) भाषाएँ ऐसी हैं जिन्हें १०,००० से ज्यादा लोगों के समूह द्वारा द्वारा बोला जाता है, जबकि कई ऐसी भाषाएँ भी हैं जिन्हें १०,००० से कम लोग ही बोलते है.भारत में कुल मिलाकर ४१५ भाषाएं उपयोग में हैं भारतीय संविधान ने संघ सरकार के संचार के लिए हिंदी और अंग्रेजी, इन दो भाषाओं के इस्तेमाल को आधिकारिक भाषा (official language) घोषित किया है व्यक्तिगत राज्यों के उनके अपने आतंरिक संचार के लिए उनकी अपनी राज्य भाषा (state's language) का इस्तेमाल किया जाता है भारत में दो प्रमुख भाषा सम्बन्धी परिवार हैं - भारतीय-आर्य भाषाएं और द्रविण भाषाएँ, इनमें से पहला भाषा के परिवार मुख्यतः भारत के उत्तरी (northern), पश्चिमी (western), मध्य (central) और पूर्वी (eastern) क्षेत्रों के फैला हुआ है जबकि दूसरा भाषा परिवार भारत के दक्षिणी भाग में.भारत का अगला सबसे बड़ा भाषा परिवार है एस्ट्रो-एशियाई (Austro-Asiatic) भाषा समूह, जिसमें शामिल हैं भारत के मध्य और पूर्व में बोली जाने वाली मुंडा भाषाएँ (Munda languages), उत्तरपूर्व में बोई जाने वाली खासी भाषाएँ (Khasian languages), और निकोबार द्वीप (Nicobarese languages) में बोली जाने वाली निकोबारी भाषाएँ (Nicobar Islands).भारत का चौथा सबसे बड़ा भाषा परिवार है तिब्बती- बर्मन भाषाओँ (Tibeto-Burman languages) का परिवार जो अपने आप में चीनी- तिब्बती भाषा परिवार का एक उपसमूह है.

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