यही मेरे जीवन का विराम नहीं, सारी कल्पनाये अभी साकार नहीं.जीना चाहता हूँ उस "आकाश"...की तरहा.जो आँखों में तो है.... पर कोई आकार नहीं..... है यदि जीवन एक युद्ध भूमि ... तो एक युद्ध और सही . ..the game starts now
Thursday, March 24, 2011
ye to hona hi tha
susma our manmohan sero shayari khelo ... janata to pagal hi hai bhuke pet sero shayari sunane ko
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